-Ashutosh Jha
I have no religion, no cast, no creed
I was made to have only one belief
Belief to be united, belief to believe.
I am the soul, I am the path
I am what Ambedkar has thought
I am the life line, I am the root
Follow the ACT's, Follow the rule.
I try to uplift the masses
I am destined to pragmatic decisions
I try to simplify your dilemmas
To strop the charismatic edifice.
Let me not fell prey of your agony
Let me not gasp in strangled freedom
I was made to clasp your hand
Abide with me to lead the world.
See my stillness in my tears
I live always in fear
Refrain brawls over my name
I am the constitution, together let’s carry the flame.
Together let’s carry the flame!
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पदचिन्ह
-नय्यर खान
नेत्र मूंदे आये थे हम
नेत्र मूंदे उस और चले
युद्ध छेत्र मैं धराशIयी
माँ का आँचल छोड़ चले |
रक्त सिंचित इस वसुधा से
मेरे आंगन की सुगंध आती है
रुकते हुए इस ह्रदय गीत में
आपबीती दोहराती है |
नील वर्ण के प्रसस्त व्योम में
वृद्ध द्रंग नज़र आते हैं
सस्त्र सुसस्जित कन्धों को
देख जो भर जाते हैं |
मेरी छाती पे हस्त पड़ा है
मेरे उस साथी का
मधुर गीतों से जो गुंजित करता
अब वह प्राण त्याग चुका |
क्षण क्षण आँखों के आगे
मृत्यु अंधकार छाता जाता है
लो पुनः परम पिता का
विनम्र न्योता आता है |
याद आती है वह अदम्य एकता
युद्ध में जो बुन जाती थी
कन्धों से कन्धों मिलने पर
एक सुर में हुंकार लगाती थी |
सहसा कितना सुखद हो गया है
राड़भूमि पर मर जाना
वीर सपूतों के इतिहास में
अपना नाम अमर कर जाना |
यह प्रातः काल की बेला
आरुष की किरणे छायी हैं
वह देखो मेरी माँ
स्वेत वर्ण में आयी हैं
शहीद पुत्र का परम वीर चक्र
नीरांजलि में समायी हैं |
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